Kumar Anand

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तुम्हारे लिए

#तुम्हारे_लिये 

मैनें हजारों खत़ लिखें तुम्हारे लिए। 
ख्वाब में भी हम मिले तुम्हारे लिए। 
था पता तुम गुजरते उसी राह से, 
हम उसी राह से गुजरे तुम्हारे लिए। 

एक झलक देख कर खिले तुम्हारे लिए। 
सुलझ कर भी हम उलझे तुम्हारे लिए। 
इम्तिहान की थी तभी वो घड़ियाँ प्रिय, 
याद तुमको ही किये हम तुम्हारे लिए। 

हथेलियों पे भी लिखा नाम तुम्हारे लिए। 
छुपकर तुमसे नजरें मिलाते तुम्हारे लिए। 
एक तुम से बात करने की खातिर सदा, 
लाख करते थे हम बहाने तुम्हारे लिए। 

प्यार का रंग चढाया खुद पे तुम्हारे लिए। 
खुद को तुम में है डूबाया तुम्हारे लिए। 
इस कदर याद रहते तुम मेरे ख्वाब को, 
तेरी यादों ने शायर बनाया तुम्हारे लिए। 

कुमार आनन्द

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